माटी की खुशबू में महकती है हिंदी ! वीरों के लहू में धड़कती है हिंदी ! माटी की खुशबू में महकती है हिंदी ! वीरों के लहू में धड़कती है हिंदी !
इसे चाहिए सुख सारे मुझसे, पर मुझे है हर बार फंसाती। तंग आकर काबू करना चाहूँ, तब है सपनों के जाल ब... इसे चाहिए सुख सारे मुझसे, पर मुझे है हर बार फंसाती। तंग आकर काबू करना चाहूँ, ...
लेकिन प्यारे खेल को वक्त देना, मन की भी मजबूरी है। लेकिन प्यारे खेल को वक्त देना, मन की भी मजबूरी है।
ग़ालिब के रिसाले को पहले पढ़ने के लिए। ग़ालिब के रिसाले को पहले पढ़ने के लिए।
संबोधित अपनी प्रेमिका को अनगिनत नामों से, संबोधित अपनी प्रेमिका को अनगिनत नामों से,
सब कुछ सही-सही, साफ़-साफ़, उसे मैंने समझाया, पेड़ हो, पेड़ की तरह रहना, बढ़ो, फलो, फूलो, करो जो ... सब कुछ सही-सही, साफ़-साफ़, उसे मैंने समझाया, पेड़ हो, पेड़ की तरह रहना, बढ़ो,...